Verse: 8,18
मूल श्लोक :
अव्यक्ताद्व्यक्तयः सर्वाः प्रभवन्त्यहरागमे।रात्र्यागमे प्रलीयन्ते तत्रैवाव्यक्तसंज्ञके।।8.18।।
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
।।8.18।।ब्रह्माजीके दिनके आरम्भकालमें अव्यक्त(ब्रह्माजीके सूक्ष्मशरीर) से सम्पूर्ण प्राणी पैदा होते हैं और ब्रह्माजीकी रातके आरम्भकालमें उसी अव्यक्तमें सम्पूर्ण प्राणी लीन हो जाते हैं।
।।8.18।। See Commentary under 8.19.,
English Translation By Swami Sivananda
8.18 From the Unmanifested all the manifested (worlds) proceed at the coming of the 'day'; at the coming of the 'night' they dissolve verily into ï1thatï1 alone which is called the Unmanifested.