Verse: 11,33
मूल श्लोक :
तस्मात्त्वमुत्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून् भुङ्क्ष्व राज्यं समृद्धम्।मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्।।11.33।।
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
।।11.33।।इसलिये तुम युद्धके लिये खड़े हो जाओ और यशको प्राप्त करो तथा शत्रुओंको जीतकर धनधान्यसे सम्पन्न राज्यको भोगो। ये सभी मेरे द्वारा पहलेसे ही मारे हुए हैं। हे सव्यसाचिन् तुम निमित्तमात्र बन जाओ।
।।11.33।। See commentary under 11.34
English Translation By Swami Sivananda
11.33 Therefore, stand up and obtain fame. Coner the enemies and enjoy the unrivalled kingdom. Verily by Me have they been already slain; be thou a mere instrument, O Arjuna.