Verse: 11,23
मूल श्लोक :
रूपं महत्ते बहुवक्त्रनेत्रं महाबाहो बहुबाहूरुपादम्।बहूदरं बहुदंष्ट्राकरालं दृष्ट्वा लोकाः प्रव्यथितास्तथाऽहम्।।11.23।।
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
।।11.23।।हे महाबाहो आपके बहुत मुखों और नेत्रोंवाले? बहुत भुजाओं? जंघाओं और चरणोंवाले? बहुत उदरोंवाले? बहुत विकराल दाढ़ोंवाले महान् रूपको देखकर सब प्राणी व्यथित हो रहे हैं तथा मैं भी व्यथित हो रहा हूँ।
।।11.23।। See commentary under 11.24
English Translation By Swami Sivananda
11.23 Having seen Thy immeasurable form with many mouths and eyes, O mighty-armed, with many arms, thighs and feet, with many stomachs and fearful with many teeth the worlds are terrified and so am I.