Verse: 1,44
मूल श्लोक :
उत्सन्नकुलधर्माणां मनुष्याणां जनार्दन।नरकेऽनियतं वासो भवतीत्यनुशुश्रुम।।1.44।।
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
।।1.44।।हे जनार्दन जिनके कुलधर्म नष्ट हो जाते हैं? उन मनुष्योंका बहुत कालतक नरकोंमें वापस होता है? ऐसा हम सुनते आये हैं।
।।1.44।। इसके उपरान्त भी भगवान् कुछ नहीं बोले। अब अर्जुन की स्थिति ऐसी हो गयी थी कि वह न तो चुप रह सकता था और न उसको नये तर्क ही सूझ रहे थे। परन्तु भगवान् के मौन का प्रभाव भी अनूठा ही था। इस श्लोक में अर्जुन पारम्परिक कथन ही उद्धृत करता है।हिन्दुओं के लिये धर्म ही संस्कृति है। इसलिये कुलधर्म के महत्व पर पर्याप्त प्रकाश डाला जा चुका है। इसी कारण अर्जुन यहाँ एक बार फिर कुलधर्म नाश के दुष्परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
English Translation By Swami Sivananda
1.44. We have heard, O Janardana, that inevitable is the dwelling
for an unknown period in hell for those men in whose families the religious
practices have been destroyed.