Verse: 1,10
मूल श्लोक :
अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्।पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्।।1.10।।
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
।।1.10।।वह हमारी सेना पाण्डवोंपर विजय करनेमें अपर्याप्त है? असमर्थ है क्योंकि उसके संरक्षक (उभयपक्षपाती) भीष्म हैं। परन्तु इन पाण्डवोंकी सेना हमारेपर विजय करनेमें पर्याप्त है? समर्थ है क्योंकि इसके संरक्षक (निजसेनापक्षपाती) भीमसेन हैं।
।।1.10।। हिन्दुओं की प्राचीन युद्ध पद्धति में किसी सेना के सेनापति के साथसाथ कोई योद्धा सेना का रक्षक भी होता था जिसमें शौर्य साहस और बुद्धिमत्ता जैसे गुण आवश्यक होते थे। कौरव और पाण्डव पक्षों में क्रमश भीष्म और भीम रक्षक थे।
English Translation By Swami Sivananda
1.10. "This army of ours marshalled by Bhishma is insufficient,
whereas that army of theirs marshelled by Bhima is sufficient.